कॉलेज वाली... मसालेदार होती है
पड़ोस वाली... कड़क होती है
ऑफिस वाली...
मीठी होती है
घर वाली...
फीकी होती है
होटल वाली... मस्त होती है
5 स्टार वाली...
महंगी होती है
लेकिन एक बात है यार...
चाय आखिर चाय होती है।
सोच बदलो
पता नहीं दिन भर क्या-क्या सोचते रहते हो..!!
शुभ प्रभात चाय के साथ जी !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें