हास्य और व्यंग से भरी रचनाये �� कभी हॅंस भी लिया करो��हॅंसना तो पड़ेगा �� हँसोगे तो फंसोगे ��

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शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015

हिंदी हास्य व्यंग्य कविता-: लेकिन नाटक करना पड़ता है


हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.
बड़ा अधिकारी गलत सलाह ही क्यों न दे
पर मन मारके जी सर कहना पड़ता है....
.
गर्ल फ्रेंड पूछे जो कैसी लग रही हूँ
बहुत अच्छी कहना पड़ता है....
.
बीबी कितना बुरा खाना क्यों न बनाये
लेकिन अच्छा कहना पड़ता है...
.
सास बहु की लड़ाई में
बेटों को दोनों से सुनना पड़ता है......
.
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.

लेखक -: राहुल असवाल

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