कल जो मैंने एक बच्चे से पूछा:
पढ़ाई कैसी चल रही है?
उसका जवाब आया
समंदर जितना सिलेबस है;
नदी जितना पढ़ पाते हैं;
बाल्टी जितना याद होता है;
गिलास भर लिख पाते हैं;
चुल्लू भर नंबर आते हैं;
उसी में डूब कर मर जाते हैं।
द्वारा -:अरविन्द बिष्ट
हास्य और व्यंग से भरी रचनाये �� कभी हॅंस भी लिया करो��हॅंसना तो पड़ेगा �� हँसोगे तो फंसोगे ��
कल जो मैंने एक बच्चे से पूछा:
पढ़ाई कैसी चल रही है?
उसका जवाब आया
समंदर जितना सिलेबस है;
नदी जितना पढ़ पाते हैं;
बाल्टी जितना याद होता है;
गिलास भर लिख पाते हैं;
चुल्लू भर नंबर आते हैं;
उसी में डूब कर मर जाते हैं।
द्वारा -:अरविन्द बिष्ट
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