हास्य और व्यंग से भरी रचनाये �� कभी हॅंस भी लिया करो��हॅंसना तो पड़ेगा �� हँसोगे तो फंसोगे ��

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शनिवार, 7 मार्च 2015

और पढ़ाओ गीता...

और पढ़ाओ गीता...

पिता : मैंने तुमको गीता दी थी पढ़ने के
लिए क्या तुमने गीता पढ़ी ?
पुत्र : हाँ पिताजी पढ़ ली और अब मरने के लिए तैयार
हो जाओ
(कनपटी पर तमंचा रख देता है ) ।
पिता : बेटा ये क्या कर रहे हो ? मैं
तुम्हारा बाप हूँ ।
पुत्र : खामोश ना कोई किसी का बाप है
और ना कोई किसी का बेटा ।
ऐसा गीता में लिखा है ।
पिता : बेटा मैं मर जाऊंगा ।
पुत्र : पिताजी शरीर मरता है ।
आत्मा कभी नही मरती । आत्मा अजर है, अमर है ।
पिता : बेटा अपने भाई बहनों, अपनी माता के बारे
में भी सोच ।
पुत्र : इस दुनिया में कोई किसी का नही होता ।
संसार के सारे रिश्ते स्वार्थों पर टिके है ।
पिता : बेटा तुमको मुझको मारने से
क्या मिलेगा ?
बेटा : अगर इस धर्मयुद्ध में आप मारे गए
तो आपको स्वर्ग प्राप्ति होगी ।
मुझको आपकी संपत्ति प्राप्त होगी ।
और पढाओ गीता........

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