जापान की एक
साबुन की फैक्ट्री
में एक बार
गलती से साबुन
के पैकेट में
साबुन नहीं डाला
जा सका
और वो खाली
पैकेट ही मार्किट
में पहुँच गया
जिसे कंपनी को
मुआवजा अदा करके
ग्राहक से वापस
लेना पड़ा।
ऐसी गलती दुबारा
न हो इसलिए
कंपनी में 6,00,000$ खर्च
करके एक्सरे और
स्कैन करने की
मशीन लगवाई ताकि
हर साबुन के
पैकेट की जाँच
हो सके की
उसमे साबुन की
टिकिया है या
ख़ाली है।
यही गलती एक
बार हिंदुस्तान की
एक साबुन फैक्ट्री
में भी हो
गयी।
दुबारा ऐसी गलती
न हो इसलिए
फैक्ट्री के मालिक
ने पैकिंग लाइन
के आखिर में
एक बड़ा सा
600 रु का पंखा
लगा दिया जिससे
पैकेट खाली होने
पर उड़ जाता
और भरा होने
पर आगे फाइनल
पैकिंग को चला
जाता।
हिंदुस्तानी
जुगाड़मेन्ट के आगे
अच्छे अच्छे देशों
की टेक्नोलॉजी फेल
है।
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