पोपट के पड़ोस में एक कंजूस सेठ रहता था। एक दिन सेठ की बीवी गुजर गई। पोपट ने सोचा कि सेठ के पास बहुत पैसे हैं, कुछ आमदनी की जाये।
पोपट छाती पीटता हुआ सेठ के घर जा कर रोते हुए कहने लगा, “मेरा तुम्हारी बीवी से बहुत प्रेम था। मैं उसके बिना कैसे जीऊंगा, मुझे भी इसके साथ जला आओ।”
सेठ हाथ जोड़ कर बोला, “भाई मेरे सारे रिश्तेदार आने वाले हैं। ऐसे मत कर। बहुत बेइज्जती होगी।”
पोपट : ठीक है, एक लाख रुपए दे दे, मैं चुपचाप चला जाऊंगा…!
मरता क्या न करता ! सेठ ने एक लाख रुपए दे दिए और पोपट खुशी खुशी अपने घर चला गया।
कुछ दिन बाद पोपट की घरवाली मर गई। सेठ ने सोचा अब मौका आया है इस से ब्याज समेत पैसे वापिस लाऊंगा।
सेठ रोता हुआ पोपट के घर जा कर बोला, “मेरा तुम्हारी घरवाली से बहुत लगाव था। मैं इसके बगैर जी नहीं सकूँगा, मुझे भी इसके साथ फूँक आओ।”
यह सुनकर पोपट अपने लड़कों से बोला, “बेटो, तुम्हारी माँ कहती तो रहती थी कि गाँव का एक आदमी उसके ऊपर बुरी नज़र रखता है! अच्छा तो ये सेठ है वो आदमी, फूँक आओ इसको भी अपनी माँ के साथ।”
सेठ : भाई माफ कर दे। मैं तो मजाक कर रहा था।
पोपट: ठीक है, दो लाख रुपये ले आ, वरना लड़के तुझे फूंकने के लिए तैयार खड़े हैं … !!
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