बीवी मंदिर गयी और मन्नत का धागा बाँधने के लिए हाथ उठाये…
फिर कुछ सोच कर मन्नत का धागा बांधे बिना ही हाथ नीचे कर लिये।
पति: ये क्या ? मन्नत नही मॉंगी ?
पत्नी: माँगने ही लगी थी कि ईश्वर आपकी तमाम मुश्किलें दूर कर दे….
फिर सोचा कहीं मैं ही न निपट जाऊँ!
हास्य और व्यंग से भरी रचनाये �� कभी हॅंस भी लिया करो��हॅंसना तो पड़ेगा �� हँसोगे तो फंसोगे ��
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